राहत मांगी हमने ऐ खुदा
राहत न मिली मगर उल्फत मील गई
तन्हाई के चादर ,
बिखरी पड़ी है रेत पर
चाहत है कोई प्यार के बूँद बिखेर दे
राहत मिलेगी ज़िन्दगी के तपन से बूंदें नाचेगी पानी पे
आसमान सतरंगी होगा
धुप मैं बारिश होगी
पतझड़ मैं बहार आएगी
उल्फत मैं भी शमां होगा प्यार का
शमां कुछ ऐसा होगा तो
ऐ खुदा राहत मिलेगी ज़िन्दगी के तपन से
राहत न मिली मगर उल्फत मील गई
तन्हाई के चादर ,
बिखरी पड़ी है रेत पर
चाहत है कोई प्यार के बूँद बिखेर दे
राहत मिलेगी ज़िन्दगी के तपन से बूंदें नाचेगी पानी पे
आसमान सतरंगी होगा
धुप मैं बारिश होगी
पतझड़ मैं बहार आएगी
उल्फत मैं भी शमां होगा प्यार का
शमां कुछ ऐसा होगा तो
ऐ खुदा राहत मिलेगी ज़िन्दगी के तपन से
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